Tuesday, June 21, 2016

सीएम अरविंद केजरीवाल की टेंशन बढ़ी, 11 महीने तक फाइल दबाए रखने का आरोप

नई दिल्ली (सं.सू.)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। 400 करोड़ के वॉटर टैंकर घोटाले में एसीबी दोनों से पूछताछ कर सकती है। एफ़आईआर में आरोपी के तौर पर किसी का नाम नहीं है, लेकिन जिन शिकायतों पर एफआईआर हुई है, उसमें केजरीवाल और शीला दीक्षित दोनों का नाम हैं। जिस समय यह घोटाला हुआ, उसम समय शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री और दिल्ली जल बोर्ड की अध्यक्ष थीं इसलिए वह शक के दायरे में हैं। हाल ही में उप राज्यपाल नजीब जंग ने इस मामले में एसीबी जांच के आदेश दिए थे।

वहीं बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता ने शिकायत की है कि जब केजरीवाल सरकार को जुलाई 2015 में ही इस घोटाले का पता चल गया था तो वह क्यों इससे जुड़ी रिपोर्ट 11 महीने तक दबाकर बैठे रही।

वहीं दिल्ली सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा का कहना है उन लोगों ने ही जांच की और अब विजेंदर गुप्ता कह रहे हैं कि हमने एक साल में कोई कार्रवाई नहीं की, अरे बीजेपी की मोदी सरकार को दो साल हो गए हैं, उन्होंने कौन-सा कांग्रेस पर कार्रवाई की है।

एसीबी प्रमुख मुकेश मीणा ने कहा कि विजेंदर गुप्ता ने फाइल दबाकर रखने की शिकायत की थी। एफआईआर दर्ज हुई है। जिस जिसके पास रिपोर्ट गई और लंबे समय तक रखी रही उनसे पूछताछ होगी।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कथित टैंकर घोटाले के संबंध में प्राथमिकी में अपना नाम शामिल किए जाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। केजरीवाल ने इस कदम का  'स्वागत' किया और कहा कि वह 'खुश' हैं कि पीएम मोदी ने यह बात स्वीकारी कि 'उनकी लड़ाई सीधी' उनके (केजरीवाल) के खिलाफ है।

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