
भावना के साथ पहली बार भावना के अलावा मोहना सिंह और अवनी चतुर्वेदी नामक दो अन्य महिलाओं का चयन भारतीय वायु सेवा का फाइटर प्लेन उड़ाने के लिए हुआ है। भावना भारतीय वायु सेना में शॉर्ट सर्विस कमिशन के तहत पायलट के रूप में नियुक्त हुई हैं।
भावना दरभंगा के घनश्यामपुर प्रखंड के बाऊर गांव की मूल निवासी हैं उनका परिवार फिलहाल दरभंगा के भैरवपट्टी बैंकर्स कॉलोनी में रहता है। उनके पिता तेज नारायण कंठ इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन में बतौर अभियंता यूपी के मथुरा में कार्यरत हैं। उसके दादा बौद्ध नारायण कंठ इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन की बरौनी रिफाइनरी में एक सामान्य इलेक्ट्रिशियन थे।
भावना ने वर्ष 2009 में डीएवी स्कूल, बरौनी रिफाइनरी, बेगूसराय से दसवीं की परीक्षा पास की उसने वर्ष 2014 में बेंगलुरू के बीएमएस कॉलेज से बीटेक किया है। वर्ष 2015 में उसका चयन भारतीय वायु सेना के लिए हो गया। भावना की दादी भालेस्वरी देवी, उसकी चाची श्यामा कुमारी और गांव के चचेरे दादा एवं अन्य ग्रामीण भी इस उपलब्धि से काफी खुश है।
भावना के घर आगमन का इंतजार सभी कर रहे है। हालांकि भावना के पैतृक घर बाउर में अभी सन्नाटा है। वहां अब कोई नहीं रहता। खपरैल मकान वह भी बगैर बाउंड्री के खुला रहता है। पड़ोसी ही घर की देखभाल करते हैं। कभी-कभी भावना का गांव में आगमन होता है। पड़ोसियों के पास उनकी यादें अभी भी बरकरार हैं। उनके पड़ोसी बचपन में उन्हें प्रीति कहकर पुकारते थे। भावना का जो गांव है वो सुदूर देहाती इलाका है वहां बाढ़ के समय में पूरा गांव बाढ़ के पानी से घिर जाता है। गांव में अधिकतर कच्चे मकान हैं। कमला नदी के मुहाने पर यह गांव बसा हुआ है। इस गांव में अब भी लड़कियों की शिक्षा कम है।
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