गोरखपुर (सं.सू.)। सिटी मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में हुई वार्ता विफल होने के बाद गीता प्रेस से निकाले गए कुछ स्थायी और अस्थायी कर्मचारियों ने 27 जून को गीता प्रेस गेट के सामने आत्मदाह का एलान किया है। इन कर्मचारियों ने प्रेस प्रबंधन पर कर्मचारियों के हितों के साथ खिलवाड़ करने का भी आरोप लगाया।
गीता प्रेस से निकाले गए 25 लोग लंबे अरसे से प्रेस प्रबंधन से उन्हें काम पर वापस लेने की मांग कर रहे हैं। डीएम, उप श्रमायुक्त के सामने भी वे इस मुद्दे को उठा चुके हैं। इस मामले में डीएम की पहल के बाद शुक्रवार को सिटी मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में बातचीत हुई। तकरीबन दो घंटे तक चली वार्ता के बावजूद इसका कोई हल नहीं निकल सका।
वार्ता विफल होने के बाद कर्मचारी 27 जून को आत्मदाह की चेतावनी देते हुए वहां से निकल गए।
निष्कासित कर्मचारी वंश गोपाल शुक्ला ने कहा कि गीता प्रेस प्रबंधन समझौते के बाद भी कर्मचारियों को रखने के नाम पर आनाकानी कर रहा है। 25 लोगों को प्रेस से निकाल दिया गया है। इनमें अजय सिंह और जगदीश मिश्रा स्थायी कर्मचारी हैं, जबकि अस्थायी कर्मचारियों में वंश गोपाल शुक्ला, जयप्रकाश सिंह, संजीव उपाध्याय, केशव पांडेय आदि शामिल हैं।
इसके अलावा कई अन्य अस्थायी कर्मचारियों को निकाला गया है। वार्ता के बाद प्रबंधन के साथ इन कर्मचारियों को रखने पर समझौता हुआ था, लेकिन अब वह इसे नहीं मान रहा है। ऐसे में हम सभी कर्मचारी आत्मदाह करने संबंधी अपने निर्णय पर अडिग हैं। 27 जून को गीता प्रेस गेट के सामने हम आत्मदाह करेंगे।
उधर, गीता प्रेस के मैनेजर लालमणि तिवारी ने कहा कि शुक्रवार को हुई वार्ता में कोई निर्णय नहीं हुआ है। प्रशासन और कर्मचारियों को गीता प्रेस ट्रस्ट द्वारा किए गए निर्णय के संबंध में अवगत करा दिया गया है। वार्ता में सिटी मजिस्ट्रेट के अलावा सहायक श्रमायुक्त सियाराम, इंस्पेक्टर बीके श्रीवास्तव, प्रबंधन की ओर से मैनेजर बृजमोहन माहेश्वरी, लालमणि तिवारी आदि शामिल थे।
गीता प्रेस से निकाले गए 25 लोग लंबे अरसे से प्रेस प्रबंधन से उन्हें काम पर वापस लेने की मांग कर रहे हैं। डीएम, उप श्रमायुक्त के सामने भी वे इस मुद्दे को उठा चुके हैं। इस मामले में डीएम की पहल के बाद शुक्रवार को सिटी मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में बातचीत हुई। तकरीबन दो घंटे तक चली वार्ता के बावजूद इसका कोई हल नहीं निकल सका।
वार्ता विफल होने के बाद कर्मचारी 27 जून को आत्मदाह की चेतावनी देते हुए वहां से निकल गए।
निष्कासित कर्मचारी वंश गोपाल शुक्ला ने कहा कि गीता प्रेस प्रबंधन समझौते के बाद भी कर्मचारियों को रखने के नाम पर आनाकानी कर रहा है। 25 लोगों को प्रेस से निकाल दिया गया है। इनमें अजय सिंह और जगदीश मिश्रा स्थायी कर्मचारी हैं, जबकि अस्थायी कर्मचारियों में वंश गोपाल शुक्ला, जयप्रकाश सिंह, संजीव उपाध्याय, केशव पांडेय आदि शामिल हैं।
इसके अलावा कई अन्य अस्थायी कर्मचारियों को निकाला गया है। वार्ता के बाद प्रबंधन के साथ इन कर्मचारियों को रखने पर समझौता हुआ था, लेकिन अब वह इसे नहीं मान रहा है। ऐसे में हम सभी कर्मचारी आत्मदाह करने संबंधी अपने निर्णय पर अडिग हैं। 27 जून को गीता प्रेस गेट के सामने हम आत्मदाह करेंगे।
उधर, गीता प्रेस के मैनेजर लालमणि तिवारी ने कहा कि शुक्रवार को हुई वार्ता में कोई निर्णय नहीं हुआ है। प्रशासन और कर्मचारियों को गीता प्रेस ट्रस्ट द्वारा किए गए निर्णय के संबंध में अवगत करा दिया गया है। वार्ता में सिटी मजिस्ट्रेट के अलावा सहायक श्रमायुक्त सियाराम, इंस्पेक्टर बीके श्रीवास्तव, प्रबंधन की ओर से मैनेजर बृजमोहन माहेश्वरी, लालमणि तिवारी आदि शामिल थे।
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