Friday, June 17, 2016

कोर्ट में खारिज हुआ रामवृक्ष के मृत होने का पुलिस का दावा, DNA जांच का आदेश

मथुरा (सं.सू.)। उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में दो जून को जवाहर बाग खाली कराने के दौरान हुई हिंसा के मुख्य आरोपी रामवृक्ष यादव की मौत के पुलिस के दावे को खारिज करते हुए एक स्थानीय अदालत ने उसका डीएनए परीक्षण कराने और किसी निकटतम रिश्तेदार से उसका मिलान कराने का आदेश दिया है।

साल 2011 के एक मामले की सुनवायी करते हुए आज अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (नवम) विवेकानन्द शरण त्रिपाठी ने पुलिस की तरफ से पेश की गई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट तथा शिनाख्त कार्यवाही को यह कहकर नकार दिया कि केवल इन तथ्यों के आधार पर यह नहीं माना जा सकता कि उक्त घटना में मारा गया व्यक्ति रामवृक्ष ही था।

अदालत ने कहा, खासकर तब, जबकि उसकी पहचान करने वाला व्यक्ति उसका कोई नज़दीकी रिश्तेदार न होकर, एक आम साथी था।

अदालत ने पुलिस को रामवृक्ष बताए जा रहे व्यक्ति के डीएनए परीक्षण हेतु सुरक्षित रखे गए अवशेषों की नज़दीकी रिश्तेदार के डीएनए सैम्पल से फॉरेंसिक लैब के माध्यम से मिलान कराने के आदेश दिए हैं तथा मुख्य चिकित्साधिकारी को इस मामले में पुलिस की सहायता करने का भी निर्देश दिया है।

मामले के वादी गुजरात के मेहसाणा निवासी रवि सुरेश चंद्र दवे ने बताया कि यह मामला 10 मार्च 2011 में उस समय का है जब रामवृक्ष यादव दिल्ली-आगरा राजमार्ग पर बाबा जयगुरूदेव के नाम से संचालित पेट्रोल पंप पर डीजल डलवाने आया था और एक रुपए में 60 लीटर डीजल डलवाने की मांग पर अड़ गया था।

उस समय उसने व उसके कुछ अन्य साथियों ने मिलकर जानलेवा हमला किया था और जलाकर मार डालने का प्रयास किया था। उस घटना में उसका (वादी का) एक हाथ जल गया था।

इस मामले में रामवृक्ष कभी भी अदालत में पेश न हुआ तो उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हो गए।

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