नई दिल्ली (सं.सू.)। रघुराम राजन के बाद अगले आरबीआई गवर्नर के लिए सरकार ने चार नाम शॉर्टलिस्ट कर लिए हैं। इनमें आरबीआई के डिप्टी गवर्नर उर्जित पटेल का नाम भी शामिल है। खास बात ये है कि सिलेक्ट किए गए चार लोगों में चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर अरविंद सुब्रमणियन का नाम शामिल नहीं है। अरविंद का बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी विरोध कर रहे थे। उर्जित पटेल के अलावा, आरबीआई के ही पूर्व डिप्टी गवर्नर राकेश मोहन, सुबीर गोकर्ण और अरुंधति भट्टाचार्य के नाम सरकार की लिस्ट में शामिल हैं।
विदित हो कि रघुराम राजन सितंबर में पद छोड़ देंगे। पीएमओ के अफसरों की मानें तो राजन एक सर्च कमेटी ज्वाइन कर सकते हैं। ये कमेटी आरबीआई मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) के 6 नए मेंबर्स में से 3 को अप्वाइंट करेगी। - एमपीसी का गठन जल्द से जल्द यानी राजन के उत्तराधिकारी आने से पहले किया जाना है।
अफसरों के मुताबिक, "हमें पूरी उम्मीद है कि राजन सर्च कमेटी में शामिल होंगे। अगर सब कुछ ठीक रहा तो नया पैनल 1 अगस्त तक गठित हो जाएगा।" अगर एमपीसी का सही वक्त पर गठन हो जाता है तो दो महीने के लिए बनने वाली मॉनिटरी पॉलिसी में राजन भी शामिल रहेंगे।
आरबीआई ने फिलहाल रेट बढ़ाने पर रोक लगाई है। इसकी वजह कीमतों का बढ़ना बताया जा रहा है। इस बात की भी पॉसिबिलिटी जताई जा रही है कि इंटरेस्ट रेट कम होंगे। दरअसल, एमपीसी के गठन का मकसद इंटरेस्ट रेट पर कंट्रोल रखना है। रेट बढ़ाने को लेकर आरबीआई और फाइनेंस मिनिस्ट्री के बीच काफी तनाव रहा है। जानकारों की मानें तो राजन से नाराजगी की वजह रेट में बढ़ोत्तरी को भी बताया जा रहा है। जो तीन अफसर एमपीसी के तीन सदस्यों को चुनेंगे, उनमें कैबिनेट सेक्रेटरी, आरबीआई गवर्नर और वित्त मंत्रालय के सचिव होंगे।
विदित हो कि रघुराम राजन सितंबर में पद छोड़ देंगे। पीएमओ के अफसरों की मानें तो राजन एक सर्च कमेटी ज्वाइन कर सकते हैं। ये कमेटी आरबीआई मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) के 6 नए मेंबर्स में से 3 को अप्वाइंट करेगी। - एमपीसी का गठन जल्द से जल्द यानी राजन के उत्तराधिकारी आने से पहले किया जाना है।
अफसरों के मुताबिक, "हमें पूरी उम्मीद है कि राजन सर्च कमेटी में शामिल होंगे। अगर सब कुछ ठीक रहा तो नया पैनल 1 अगस्त तक गठित हो जाएगा।" अगर एमपीसी का सही वक्त पर गठन हो जाता है तो दो महीने के लिए बनने वाली मॉनिटरी पॉलिसी में राजन भी शामिल रहेंगे।
आरबीआई ने फिलहाल रेट बढ़ाने पर रोक लगाई है। इसकी वजह कीमतों का बढ़ना बताया जा रहा है। इस बात की भी पॉसिबिलिटी जताई जा रही है कि इंटरेस्ट रेट कम होंगे। दरअसल, एमपीसी के गठन का मकसद इंटरेस्ट रेट पर कंट्रोल रखना है। रेट बढ़ाने को लेकर आरबीआई और फाइनेंस मिनिस्ट्री के बीच काफी तनाव रहा है। जानकारों की मानें तो राजन से नाराजगी की वजह रेट में बढ़ोत्तरी को भी बताया जा रहा है। जो तीन अफसर एमपीसी के तीन सदस्यों को चुनेंगे, उनमें कैबिनेट सेक्रेटरी, आरबीआई गवर्नर और वित्त मंत्रालय के सचिव होंगे।
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