Thursday, June 23, 2016

वस्त्रोद्योग में पैदा होंगी एक करोड़ नौकरियां

नई दिल्ली (सं.सू.)। युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के इरादे से सरकार ने टेक्सटाइल क्षेत्र को 6,000 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन पैकेज देने का बड़ा फैसला किया है। इस पैकेज के प्रभाव से टेक्सटाइल और एपेरल सेक्टर में अगले तीन साल में 11 अरब डॉलर (73700 करोड़ रुपये) अतिरिक्त निवेश आएगा और एक करोड़ लोगों को रोजगार मिलेगा। साथ ही इस पैकेज से टेक्सटाइल और एपेरल क्षेत्र के निर्यात में 30 अरब डॉलर (करीब दो लाख करोड़ रुपये) की वृद्धि होगी जिससे अगले तीन साल में भारत वस्त्र निर्यात के मामले में अपने प्रमुख प्रतिस्पर्धियों जैसे बांग्लादेश और वियतनाम को पीछे छोड़ देगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में टेक्सटाइल क्षेत्र के इस पैकेज को मंजूरी दी गयी। बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संवाददाताओं से कहा कि इस पैकेज से टेक्सटाइल के क्षेत्र में रोजगार की संभावनाओं के पूरी तरह दोहन में मदद मिलेगी। सरकार ने टेक्सटाइल पैकेज के रूप में सबसे बड़ा तोहफा गारमेंट्स के लिए ड्यूटी ड्रॉ बैक के रूप में दिया है। इससे गारमेंट उद्योग को 5,500 करोड़ रुपये का लाभ होगा। गारमेंट मैन्यूफैक्चरिग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र ने आयकर कानून की धारा 80 जेजेएए के तहत कार्य दिवसों की संख्या 240 से घटाकर 150 कर दी है।

साथ ही तीन साल तक गारमेंट इकाइयों को 10 प्रतिशत अतिरिक्त एटीयूएफएस सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इससे सरकार के खजाने से 400 से 500 करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी। फिलहाल इस क्षेत्र को 15 प्रतिशत अतिरिक्त सब्सिडी दी जा रही है। इस तरह अतिरिक्त सब्सिडी बढ़कर 25 प्रतिशत हो जाएगी। इस क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को औपचारिक रोजगार में लाने के लिए सरकार ने 15,000 रुपये तक वेतन वाले सभी नए कर्मचारियों को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में शामिल करने पर ईपीएफ के 12 फीसद नियोक्ता अंशदान का भुगतान करने का फैसला किया है।

सरकार ने गारमेंट इकाइयों को राहत देते हुए श्रम कानूनों को भी लचीला बनाया है। इसके तहत अब कामगारों के लिए हर हफ्ते आठ घंटे से अधिक ओवरटाइम नहीं होगा। इसके अलावा इस क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को नियमित कर्मचारी की तरह लाभ देने के लिए औद्योगिक रोजगार (स्थाई आदेश) कानून, 1946 की उपधारा एक (15) के तहत निश्चित अवधि के लिए रोजगार की योजना शुरू की जाएगी। तीन साल भारत होगा आगे सरकार का मानना है कि अगले तीन साल में इस पैकेज की मदद से भारत इन दोनों देशों को पीछे छोड़ देगा। भारत 1995 से 2000 के बीच वियतनाम और बांग्लादेश से अधिक निर्यात करता था।

हालांकि 2003 में बांग्लादेश का वस्त्र निर्यात भारत से अधिक हो गया। इतना ही नहीं 2011 में वियतनाम ने भी इस मामले में भारत को पीछे छोड़ दिया। आज स्थिति यह है कि भारत का वस्त्र निर्यात इन दोनों देशों से कम है। रोजगार की अपार संभावनाएं टेक्सटाइल सेक्टर में एक करोड़ रुपये के निवेश से 70 नौकरियां सृजित होती हैं जबकि स्टील सेक्टर में मात्र 10 और ऑटोमोबाइल सेक्टर में 25 नौकरियां ही सृजित होती हैं। फाइबर से लेकर गारमेंट उत्पादन तक इस क्षेत्र की सारी प्रक्रियाएं भारत में होती हैं, इसलिए सरकार ने रोजगार बढ़ाने को यह पैकेज दिया है। सरकार का कहना है कि इस पैकेज से कम से कम एक करोड़ लोगों को रोजगार मिलेगा।

No comments: