Thursday, June 23, 2016

सूफी गायक अमजद साबरी की हत्या से पाकिस्तान स्तब्ध, सड़कों पर उतरे लोग

कराची (सं.सू.)। कव्वाल और सूफियाना संगीत के बड़े नाम अमजद साबरी की हत्या पर पाकिस्तान स्तब्ध है। इस हत्या पर देश के कलाकारों का गुस्सा फूट पड़ा है। पाकिस्तान में प्रदर्शन हो रहे हैं। जनता सड़कों पर है। तालिबान आतंकवादियों ने पाकिस्तान के बेहतरीन कव्वालों में शुमार अमजद साबरी की बुधवार को गोली मारकर हत्या कर दी थी। रूह को छू देने वाली सूफी गायिकी के लिए उन्हें जाना जाता था।

45 साल के गायक और उनके एक सहयोगी कराची के भीड़भाड़ वाले लियाकतबाद 10 इलाके में कार से सफर कर रहे थे तभी मोटरसाइकिल सवार बंदूकधारियों ने उनके वाहन पर गोलियां चलायीं जिसमें वे गंभीर रूप से घायल हो गए। रेंजर्स ने साबरी के घर के बाहर के सीसीटीवी को कब्जे में ले लिया है। इस पूरे घटनाक्रम की तेजी से जांच की जा रही है। पाकिस्तान के तालिबान गुट से अलग हुए गुट ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली है।

अमजद साबरी के भाई सरवत साबरी ने कहा कि ऐसे दरिंदे मौत मांगें तो उन्हें मौत भी ना मिले। जनरल राहील शरीफ पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। अब वो एक्शन लें। कव्वाली का घाटा जरूर हुआ है लेकिन यह कभी खत्म नहीं होगा। ये ख्वाजा साहब की देन है। हुकूमत से हम कहते है कि हालात को ठीक करें। वो सबके कातिलों को पकड़ें। अगर वो लोग अपने आपको सरकार कहते हैं तो सरकार की तरह काम करें।

प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने हमले की निंदा करते हुए अधिकारियों को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया। सिंध सेंसर बोर्ड के प्रमुख फकरे आलम ने ट्विटर पर लिखा कि साबरी ने सुरक्षा के लिए आवेदन दिया था लेकिन गृह विभाग ने उसपर कार्रवाई नहीं की। विपक्षी दलों के नेताओं ने साबरी की हत्या को कराची में न्याय व्यवस्था को सुचारू रूप से लागू करने में प्रांतीय सरकार की घोर असफलता करार दिया है।

गायक राहत फतह अली खान ने एआरवाई न्यूज से कहा, 'ये क्या हो रहा है हमारे मुल्क में? खुदा के लिए लोगों को बचाएं। इतने बड़े कलाकार का मर्डर हो गया।' पत्रकार मेहर तरार ने इसे दुखद घटना बताया। उन्होंने कहा कि अब लोग बहुत ज्यादा इस तरह के हमलों पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। लोगों में बहुत ज्यादा गुस्सा पैदा हो गया है।

सिंध प्रांत के पुलिस प्रमुख अल्लाह दीनो ख्वाजा ने बताया, ‘मोटरसाइकिल से आए दो हमलावरों ने उनकी कार को घेर लिया और गाड़ी चला रहे अमजद साबरी को निशाना बनाया।’ दोनों को अब्बासी शहीद अस्पताल ले जाया गया जहां साबरी ने दम तोड़ दिया। उनके सहयोगी की भी मौत हो गई। अमजद कव्वाल क्रिकेट के भी शौकीन थे इसलिए क्रिकेट की दुनिया के लोगों ने भी उनकी मौत पर दुख जताया है। पाकिस्तान में उनके चाहने वालों की आंखे नम हैं।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘साबरी के सीने और सिर में गोली लगी, उन्हें तत्काल अब्बासी शहीद अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। पूर्वनियोजित हमले में उनके सहयोगी की भी मौत हो गई।’ तालिबान से टूट कर अलग हुए हकीमुल्ला महसूद गुट ने हत्या की जिम्मेदारी ली है। संगठन के प्रवक्ता कारी सैफुल्ला महसूद ने कहा कि उसने साबरी की हत्या इसलिए की क्योंकि वह ‘ईश निंदक’ था।

इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने साल 2014 में ईश निंदा के एक मामले में दो निजी चैनलों को एक नोटिस जारी किया था जिन्होंने सुबह के एक कार्यक्रम में एक कव्वाली चलाई थी। कार्यक्रम में एक नकली शादी को धार्मिक हस्तियों संबंधी एक कव्वाली के साथ मिलाकर दिखाकर गया था। इस कव्वाली को साबरी ने गाया था।

अतिरिक्त पुलिस सर्जन डॉ रोहिना हसन ने साबरी की मौत की पुष्टि की। उन्हें तीन बार - दो बार सिर में और एक बार कान में गोली मारी गई। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘दोनों हमलावरों ने 30 बोर की पिस्तौलों से पांच बार साबरी को गोली मारी, उनके सिर में लगी गोली ने उनकी जान ले ली।’ साबरी उस समय एक निजी टीवी चैनल के स्टूडियो जा रहे थे।

पुलिस अधिकारियों को घटनास्थल से 30 बोर के पांच चले हुए कारतूस मिले हैं जिन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया। सिंध के गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वे उन खबरों की जांच कर रहे हैं जिनमें कहा गया कि साबरी ने हाल में सुरक्षा के लिए सरकार को एक आवेदन दिया था। प्रसिद्ध कव्वाल गुलाम फरीद साबरी के बेटे अमजद साबरी का परिवार सूफी कला और सूफी कविता के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए पूरे उपमहाद्वीप में मशहूर है।

साबरी की सबसे प्रसिद्ध और यादगार कव्वालियों में ‘भर दो झोली’, ‘ताजदार-ए-हरम’ और ‘मेरा कोई नहीं है तेरे सिवा’ शामिल हैं। साबरी ने यूरोप और अमेरिका में कई कार्यक्रम प्रस्तुत किए थे। उन्हें गायिकी की आधुनिक शैली के लिए कव्वाली का ‘‘रॉकस्टार’’ कहा जाता था।

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