लखनऊ (सं.सू.)। उत्तर प्रदेश के कैराना से हिन्दुओं के पलायन की खबरें
मीडिया की सुर्खियां बनी हुई हैं। इस पर राजनीति भी खूब हो रही है। आज
कैराना से पलायन करने वाले हिन्दुओं की एक सूची भी कैराना में जारी करने की
तैयारी है पर इन सबके बीच एक पूर्व आईएएस जो मुजफ्फरनगर में जिलाधिकारी
रहे हैं, ने अपने फेसबुक पेज पर कैराना की हकीकत लिख डाली है।
पूर्व आईएएस सूर्यप्रताप सिंह ने अपने फेसबुक पर लिखा है कि जब वे मुजफ्फरनगर में पदस्थापित थे, तो कैराना जाना हुआ करता था। उन्होंने लिखा है कि कैराना के कई इलाकों में ऐसी स्थिति है कि वहां पुलिस रात तो क्या, दिन में भी नहीं घुस सकती।
पूर्व आईएएस सूर्यप्रताप सिंह ने लिखा है कि 'सावधान उत्तर प्रदेश ....चुनावी दौर है ! "कैराना" को संभालो .... कही देर न हो जाये .....स्थिति कभी भी विस्फोटक हो सकती है !!!
उन्होंने आगे लिखा है कि मैं मुजफ्फरनगर का कलेक्टर रहा हूं और कैराना की आवोहवा को अच्छी तरह जनता हूं। कोई मेरी बात के अन्यथा मायने न निकाले .... मैं सभी मज़हबों का सम्मान करता हूं। 'कैराना' में कुछ ऐसे मौहल्ले हैं , जहां पुलिस दिन में भी नहीं घुस सकती .... गुंडागिरी ..अवैध अशलाह ....पशु तस्करी एक राजनैतिक पार्टी के पूर्व सांसद के संरक्षण में दिन-दहाड़े होती है। इस पूर्व सांसद के अहाते से 25 किलो सोना और कई कुंतल चरस बरामद हुई थी।
पूर्व आईएएस लिखते हैं कि पुलिस कोतवाली में एक मज़हब विशेष का दारोगा ही तैनात करना पड़ता है, नहीं तो 'कैराना' को सम्भालना मुश्किल हो जाये। वे लिखते हैं कि चुनाव के दौरान जब मैं वहां था, तो मजिस्ट्रेट व पुलिस का रात में तो कुछ मोहल्लों में घुसने का सवाल ही पैदा नहीं होता था। दिन में भी किसी 'अपराधी' को पकड़ने या तो कोई जाता नहीं था या फिर विशेष व्यवस्था करनी पड़ती थी ......। वे लिखते हैं कि हमने चुनाव के दौरान 10 दिनों का अभियान चला कर इस पूर्व सांसद व उनके गुर्गो को जेल की हवा खिलाई थी और कैराना को गुंडों से मुक्त कराया था।
सूर्यप्रताप सिंह लिखते हैं कि आज तो और भी भयावह स्थिति होगी, क्योंकि गुंडों व अपरधियों को खुला राजनैतिक संरक्षण है। किसी को बुरा लगे तो माफ़ करना ....यदि विश्वास नहीं है तो जाकर देख लो ....
वे लिखते हैं कि परन्तु मुझे आशंका है कि इस मामले में ठोस कार्रवाई की जगह सियासत जरूर होगी और और चुनावी रंग में .......पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आग लगाने की कोशिश जरूर होगी ....।
पूर्व आईएएस लिखते हैं कि उ.प्र. की वर्तमान सरकार दंगा रोकती नहीं है ....स्वयं करवाने में विश्वास अधिक रखती है ......ऐसी मेरी आशंका है। सूर्यप्रताप सिंह ने लिखा है कि एक बार कैराना से अपराधियों को पुनः 'फ्लश-आउट' का प्रयास जरूर होना चाहिए .....परन्तु वर्तमान सरकार से अपेक्षा करना बेकार है ..... चुनाव बाद की प्रतीक्षा करनी होगी।
पूर्व आईएएस सूर्यप्रताप सिंह ने अपने फेसबुक पर लिखा है कि जब वे मुजफ्फरनगर में पदस्थापित थे, तो कैराना जाना हुआ करता था। उन्होंने लिखा है कि कैराना के कई इलाकों में ऐसी स्थिति है कि वहां पुलिस रात तो क्या, दिन में भी नहीं घुस सकती।
पूर्व आईएएस सूर्यप्रताप सिंह ने लिखा है कि 'सावधान उत्तर प्रदेश ....चुनावी दौर है ! "कैराना" को संभालो .... कही देर न हो जाये .....स्थिति कभी भी विस्फोटक हो सकती है !!!
उन्होंने आगे लिखा है कि मैं मुजफ्फरनगर का कलेक्टर रहा हूं और कैराना की आवोहवा को अच्छी तरह जनता हूं। कोई मेरी बात के अन्यथा मायने न निकाले .... मैं सभी मज़हबों का सम्मान करता हूं। 'कैराना' में कुछ ऐसे मौहल्ले हैं , जहां पुलिस दिन में भी नहीं घुस सकती .... गुंडागिरी ..अवैध अशलाह ....पशु तस्करी एक राजनैतिक पार्टी के पूर्व सांसद के संरक्षण में दिन-दहाड़े होती है। इस पूर्व सांसद के अहाते से 25 किलो सोना और कई कुंतल चरस बरामद हुई थी।
पूर्व आईएएस लिखते हैं कि पुलिस कोतवाली में एक मज़हब विशेष का दारोगा ही तैनात करना पड़ता है, नहीं तो 'कैराना' को सम्भालना मुश्किल हो जाये। वे लिखते हैं कि चुनाव के दौरान जब मैं वहां था, तो मजिस्ट्रेट व पुलिस का रात में तो कुछ मोहल्लों में घुसने का सवाल ही पैदा नहीं होता था। दिन में भी किसी 'अपराधी' को पकड़ने या तो कोई जाता नहीं था या फिर विशेष व्यवस्था करनी पड़ती थी ......। वे लिखते हैं कि हमने चुनाव के दौरान 10 दिनों का अभियान चला कर इस पूर्व सांसद व उनके गुर्गो को जेल की हवा खिलाई थी और कैराना को गुंडों से मुक्त कराया था।
सूर्यप्रताप सिंह लिखते हैं कि आज तो और भी भयावह स्थिति होगी, क्योंकि गुंडों व अपरधियों को खुला राजनैतिक संरक्षण है। किसी को बुरा लगे तो माफ़ करना ....यदि विश्वास नहीं है तो जाकर देख लो ....
वे लिखते हैं कि परन्तु मुझे आशंका है कि इस मामले में ठोस कार्रवाई की जगह सियासत जरूर होगी और और चुनावी रंग में .......पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आग लगाने की कोशिश जरूर होगी ....।
पूर्व आईएएस लिखते हैं कि उ.प्र. की वर्तमान सरकार दंगा रोकती नहीं है ....स्वयं करवाने में विश्वास अधिक रखती है ......ऐसी मेरी आशंका है। सूर्यप्रताप सिंह ने लिखा है कि एक बार कैराना से अपराधियों को पुनः 'फ्लश-आउट' का प्रयास जरूर होना चाहिए .....परन्तु वर्तमान सरकार से अपेक्षा करना बेकार है ..... चुनाव बाद की प्रतीक्षा करनी होगी।
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